14-18 साल की लड़कियों के लिए सरकार की नई योजना शुरू मिलेगा प्रशिक्षण व गैर-पारंपरिक नौकरि योजना

Category: sarkari-yojana » by: Lalchand » Update: 2024-08-31

केंद्र सरकार ने किशोरियों और महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस विशेष परियोजना का मुख्य उद्देश्य 14 से 18 वर्ष की किशोरियों को उनके शिक्षा काल में ही प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे गैर-पारंपरिक नौकरियों में सक्षम बन सकें। यह योजना प्रारंभ में 27 जिलों में लागू होगी और धीरे-धीरे इसका विस्तार 218 जिलों में किया जाएगा। इस परियोजना से न केवल लड़कियों की कार्यबल में भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सक्षम भी बनाया जाएगा। 

14-18 साल की लड़कियों के लिए सरकार की नई योजना शुरू मिलेगा प्रशिक्षण व गैर-पारंपरिक नौकरि योजना

गैर-पारंपरिक नौकरियों में प्रशिक्षण: क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?

गैर-पारंपरिक नौकरियां ऐसी भूमिकाओं को दर्शाती हैं जिनमें किसी एक लिंग की भागीदारी 25% से कम होती है। अक्सर ऐसी नौकरियों में पुरुषों का वर्चस्व रहा है, और महिलाओं की भागीदारी सीमित रही है। इस योजना का उद्देश्य किशोरियों को डिजिटल कौशल, डिजिटल मार्केटिंग और व्यक्तित्व विकास जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना है। ये सभी क्षेत्र परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान माने जाते रहे हैं, लेकिन अब लड़कियों को भी इन नौकरियों के लिए तैयार किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने कहा कि यह योजना किशोरियों को उनकी शिक्षा जारी रखते हुए उनके स्कूल और घर के नजदीक ही प्रशिक्षित करेगी। इससे लड़कियों को नए और उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।

Non-traditional Jobs Yojana के मुख्य बिंदु

Key Points  Details
Yojana NameNon-traditional Jobs Yojana (गैर-पारंपरिक नौकरि योजना)
Target Group14-18 वर्ष की लड़कियां
Objectiveलड़कियों को गैर-पारंपरिक नौकरियों में प्रशिक्षण देना
Initial Implementation27 जिलों में प्रारंभ
Future Expansion218 जिलों में विस्तार
Training Areasडिजिटल कौशल, डिजिटल मार्केटिंग, व्यक्तित्व विकास
Implementation Partnersप्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के प्रशिक्षण साझेदार, जन शिक्षण संस्थान, सरकारी संस्थान
Government Ministries Involvedमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
Training Locationस्कूलों और घरों के नजदीक
Training Duration2-3 सप्ताह
Goalमहिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाना, आत्मनिर्भर बनाना

प्रशिक्षण के रूप और कार्यान्वयन

इस योजना के तहत किशोरियों को डिजिटल कौशल, डिजिटल मार्केटिंग, और पर्सनालिटी डेवलपमेंट में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण दो से तीन सप्ताह में शुरू होगा और प्रारंभिक चरण में इसे 27 जिलों में लागू किया जाएगा। योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के प्रशिक्षण साझेदारों, जन शिक्षण संस्थानों और सरकारी संस्थानों के माध्यम से लड़कियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस पहल का एक और मुख्य लक्ष्य है कि लड़कियों को उनकी पढ़ाई के साथ-साथ ही प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे उन्हें शिक्षा के साथ-साथ नौकरी के क्षेत्र में भी सक्षम बनाया जा सके।

14-18 साल की लड़कियों के लिए सरकार की नई योजना शुरू मिलेगा प्रशिक्षण व गैर-पारंपरिक नौकरि योजना

महिलाओं की कार्यबल में बढ़ती भागीदारी

इस परियोजना का दीर्घकालिक उद्देश्य है कि महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए। सरकार द्वारा शुरू की जा रही यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उनकी भूमिका को समाज में अधिक प्रमुख और सशक्त बनाएगी। इस कार्यक्रम से अधिक से अधिक लड़कियां उन भूमिकाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी जो अभी तक उनके लिए पारंपरिक नहीं मानी जाती थीं।

यह योजना इस दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास है कि कौन सी नौकरियां केवल पुरुषों के लिए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच हुए समझौते के तहत यह योजना देशभर में लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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Non-traditional Jobs Yojana के लिए आवश्यक पात्रता

  1. आयु सीमा: योजना के तहत लाभार्थियों की आयु 14 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

  2. लड़कियों की शिक्षा स्थिति: योजना में वे लड़कियां शामिल होंगी जो अभी भी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और स्कूल जा रही हैं।

  3. भौगोलिक क्षेत्र: प्रारंभिक चरण में, योजना का लाभ उन लड़कियों को मिलेगा जो 27 चयनित जिलों में रहती हैं। बाद में इसका विस्तार 218 जिलों में किया जाएगा।

  4. परिवारिक आय: योजना के तहत पात्रता के लिए परिवार की आय की कोई विशेष सीमा हो सकती है, खासकर यदि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लक्षित हो।

  5. अन्य मानदंड: अन्य आवश्यक मानदंड, जैसे कि निवास प्रमाणपत्र, स्कूल में नामांकन, और अन्य दस्तावेजी आवश्यकताएं, हो सकती हैं जिन्हें योजना के लाभ के लिए प्रस्तुत करना होगा।

आवश्यक दस्तावेज

  1. आधार कार्ड: पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड आवश्यक हो सकता है।

  2. स्कूल का प्रमाणपत्र: वर्तमान में स्कूल में नामांकन का प्रमाणपत्र या स्कूल आईडी कार्ड जो यह दर्शाए कि लड़की 14-18 वर्ष के आयु वर्ग में है और शिक्षा प्राप्त कर रही है।

  3. आय प्रमाणपत्र: यदि योजना के लिए आय सीमा का मानदंड है, तो परिवार की आय का प्रमाणपत्र जमा करना आवश्यक हो सकता है।

  4. निवास प्रमाणपत्र: स्थायी पता और योजना के लक्षित जिले में निवास का प्रमाण देने के लिए निवास प्रमाणपत्र।

  5. पासपोर्ट साइज फोटो: पासपोर्ट साइज की हालिया फोटो जो योजना के आवेदन के लिए आवश्यक हो सकती है।

  6. बैंक खाता विवरण: यदि योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ या स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है, तो बैंक खाता का विवरण जमा करना होगा।

  7. किसी अन्य योजना का प्रमाण: यदि लाभार्थी किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ प्राप्त कर रही है, तो उसका प्रमाणपत्र।

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Non-traditional Jobs Yojana के लिए आवेदन प्रक्रिया

1.आवेदन पत्र प्राप्त करें

  • ऑनलाइन माध्यम: आवेदक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकती हैं।
  • ऑफलाइन माध्यम: आवेदन पत्र संबंधित स्कूलों, जन शिक्षण संस्थानों, या स्थानीय सरकारी कार्यालयों से भी प्राप्त किया जा सकता है।

2. आवेदन पत्र भरें

  • आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक भरें, जैसे नाम, आयु, पता, स्कूल का नाम, परिवार की आय, आदि।
  • सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्वप्रमाणित (self-attested) प्रतियां आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें।

3.दस्तावेज संलग्न करें

  • ऊपर बताए गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें।
  • सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज सही और स्पष्ट हैं।

4.आवेदन जमा करें

  • ऑनलाइन जमा करें: यदि आवेदन ऑनलाइन भरा जा रहा है, तो भरे हुए आवेदन पत्र और संलग्न दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करें।
  • ऑफलाइन जमा करें: भरे हुए आवेदन पत्र और दस्तावेजों को संबंधित स्कूल, जन शिक्षण संस्थान, या स्थानीय सरकारी कार्यालय में जमा करें।

5.स्वीकृति की प्रतीक्षा करें

  • आवेदन जमा करने के बाद, आवेदक को स्वीकृति या अस्वीकृति के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। यह जानकारी SMS, ईमेल, या डाक के माध्यम से प्राप्त हो सकती है।
  • यदि आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो प्रशिक्षण की तारीख और स्थान के बारे में सूचित किया जाएगा।

6.प्रशिक्षण प्रारंभ करें

  • स्वीकृति प्राप्त करने के बाद, आवेदक को निर्दिष्ट स्थान और समय पर प्रशिक्षण के लिए उपस्थित होना होगा।
  • प्रशिक्षण का उद्देश्य डिजिटल कौशल, डिजिटल मार्केटिंग, और गैर-पारंपरिक नौकरियों के लिए आवश्यक अन्य कौशलों का विकास करना होगा।

7.सहायता केंद्र

  • यदि आवेदन प्रक्रिया के दौरान कोई समस्या होती है, तो आवेदक निकटतम सहायता केंद्र से संपर्क कर सकती हैं।
  • सहायता केंद्रों पर आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी और सहायता उपलब्ध होगी।

8.प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र

  • प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, आवेदक को एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा जो यह दर्शाएगा कि उन्होंने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

भविष्य की योजना और विस्तार

यह परियोजना अभी शुरुआती चरण में है और इसे दो से तीन सप्ताह के भीतर 27 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके बाद इसका विस्तार 218 जिलों में किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लड़कियों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ मिल सकेगा। सरकार इस योजना को उच्चतम स्तर पर बहुत जल्द लागू करने की योजना बना रही है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच हुए इस सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यह परियोजना देशभर में सफलतापूर्वक लागू हो। इस योजना से लड़कियों को उनके घर और स्कूल के पास ही विभिन्न प्रकार के कौशल सीखने का मौका मिलेगा, जिससे वे भविष्य में बेहतर रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकेंगी।

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सारांश

इस विशेष परियोजना से भारत में महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक नई क्रांति शुरू होगी। महिलाओं को गैर-पारंपरिक नौकरियों में प्रशिक्षित करने से न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की इस पहल से लड़कियों को अपने भविष्य के करियर में बेहतर अवसर प्राप्त करने का रास्ता खुलेगा।

यह परियोजना महिलाओं के सशक्तीकरण और देश के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना का लक्ष्य है कि हर लड़की को अपने सपनों को पूरा करने का समान अवसर मिल सके, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हो।

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